पंजाब में धान खरीद का सीजन आधिकारिक रूप से शुरू हो गया है। इस बार प्रक्रिया सामान्य से 15 दिन पहले शुरू की गई है, क्योंकि बाढ़ ने प्रदेशभर में फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। राज्य सरकार ने राहत स्वरूप किसानों की मुश्किलें कम करने के लिए यह कदम उठाया है।
बाढ़ से बर्बाद हुई फसलें
साल 2025 पंजाब के किसानों के लिए बेहद कठिन रहा। लगातार हुई बारिश और बाढ़ ने प्रदेश के सभी 23 जिलों को प्रभावित किया। लाखों हेक्टेयर धान की फसल पानी में डूब गई, जिससे किसानों की मेहनत और उम्मीद दोनों पर गहरी चोट पहुंची। बाढ़ की वजह से फसल में नमी ज्यादा है और अनाज की गुणवत्ता को लेकर भी चिंता बनी हुई है।
1,822 मंडियों में तैयारी पूरी
राज्य सरकार ने घोषणा की है कि धान खरीद प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए पंजाब में 1,822 मंडियों को तैयार किया गया है। इन मंडियों में किसानों को फसल बेचने की सुविधा मिलेगी। प्रशासन का दावा है कि किसानों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिए आवश्यक व्यवस्थाएं पहले से कर ली गई हैं।
किसानों की चिंता बरकरार
हालांकि मंडियों की तैयारी पूरी होने के बावजूद किसानों की चिंता कम नहीं हो रही। अधिक नमी और बाढ़ से प्रभावित धान की क्वालिटी को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। किसानों का कहना है कि अगर सरकार ने फसल की सही कीमत और नमी का उचित मूल्यांकन नहीं किया, तो उन्हें भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा।