अमृतसर के गुरुद्वारा बाबा बूढ़ा साहिब में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सिरोपा भेंट किए जाने के बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने इस मामले पर कड़ी आपत्ति जताई है। SGPC का कहना है कि धार्मिक स्थलों पर राजनीतिक हस्तियों को सम्मानित करना नियमों के खिलाफ है और इसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
पंजाब दौरे पर थे राहुल गांधी
गुजरात यात्रा के बाद राहुल गांधी पंजाब के अमृतसर और गुरदासपुर जिलों में बाढ़ प्रभावित लोगों से मिलने पहुंचे थे। इस दौरान वह गुरुद्वारा श्री समाध बाबा बूढ़ा साहिब में भी मत्था टेकने गए। वहीं, गुरुद्वारे में कांग्रेस नेताओं की मौजूदगी में राहुल गांधी को सिरोपा भेंट किया गया।
SGPC की सख़्त प्रतिक्रिया
SGPC अध्यक्ष ने प्रेस नोट जारी करते हुए कहा कि सिरोपा देने का यह कदम नियमों के विरुद्ध है। उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले की जांच कराई जा रही है और जो भी जिम्मेदार पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। SGPC का मानना है कि गुरुद्वारे सिर्फ धार्मिक आस्था और श्रद्धा का केंद्र हैं, यहां राजनीतिक व्यक्तित्वों को सम्मानित करना परंपराओं के खिलाफ है।
कांग्रेस शासन की पुरानी यादें भी जुड़ीं
इस विवाद ने पंजाब में कांग्रेस शासन की कुछ पुरानी घटनाओं को भी ताजा कर दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि धार्मिक मंचों पर राजनीति की झलक दिखना समाज में असहमति को जन्म देता है। ऐसे में SGPC की आपत्ति को हल्के में नहीं लिया जा सकता।