गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व को लेकर इस साल केंद्र सरकार और पंजाब सरकार के बीच नया विवाद खड़ा हो गया है। गृह मंत्रालय (MHA) ने नवंबर में होने वाले प्रकाश पर्व पर सिख जत्थों को पाकिस्तान न जाने की सलाह जारी की है। मंत्रालय का कहना है कि मौजूदा सुरक्षा परिस्थितियों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
सुरक्षा कारणों का हवाला
गृह मंत्रालय ने 12 सितंबर को जारी अपनी एडवाइजरी में कहा कि पाकिस्तान यात्रा फिलहाल सुरक्षित नहीं है। इस दौरान हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले और सीमा पार बढ़ती गतिविधियों का जिक्र किया गया। सरकार का मानना है कि ऐसे माहौल में श्रद्धालुओं को भेजना खतरे से खाली नहीं होगा।
राजनीतिक विवाद तेज
इस फैसले ने पंजाब में राजनीतिक हलचल मचा दी है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए इसे “दोहरा मापदंड” बताया। उनका कहना है कि जब भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच आयोजित हो सकता है, तो धार्मिक यात्राओं पर रोक क्यों? मान ने इसे सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला कदम करार दिया।
विपक्षी नेताओं की आलोचना
सिर्फ पंजाब सरकार ही नहीं, बल्कि कई सिख और विपक्षी नेताओं ने भी केंद्र सरकार के फैसले पर सवाल उठाए हैं। उनका मानना है कि गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर ननकाना साहिब की यात्रा सिख आस्था से गहराई से जुड़ी है, और इस पर रोक लगाना उचित नहीं है।
सरकार का रुख स्पष्ट
वहीं, केंद्र का कहना है कि यह सलाह श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखकर दी गई है। सरकार ने दोहराया कि सिख समुदाय की भावनाओं का सम्मान किया जाता है, लेकिन किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकना प्राथमिकता है।