बिहार ब्यूरो। बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने हाल ही में प्रशांत किशोर द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि 1995 के गैंगवार के दौरान उनके परिवार के 22 सदस्य जेल में डाले गए थे, और इस मामले में मानवाधिकार आयोग ने सरकार पर पेनाल्टी लगाई तथा माफी भी मांगी थी।
सम्राट चौधरी ने कहा कि वे पहले भी कई मौकों पर इस अन्याय की बात सार्वजनिक रूप से बता चुके हैं। उन्होंने बताया कि उस समय उनके परिवार के कई सदस्यों को राजनीतिक कारणों और गैंगवार की परिस्थितियों का हवाला देकर जेल में बंद किया गया।
मानवाधिकार आयोग की भूमिका
इस घटना के बाद मानवाधिकार आयोग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार को नोटिस भेजा और जांच के बाद सरकार पर पेनाल्टी लगाई। आयोग ने स्पष्ट किया कि इस तरह का अन्याय स्वीकार्य नहीं है और इसके लिए सरकार को माफी मांगनी पड़ी।
सम्राट चौधरी ने कहा कि उनका उद्देश्य केवल सच बताना है। उन्होंने जोर देकर कहा कि उन्होंने कभी भी इस अन्याय को छिपाया नहीं और हमेशा इसे सार्वजनिक रूप से सामने रखा।
यह मामला बिहार की राजनीति में राजनीतिक संघर्ष और 1990 के दशक की हिंसा की याद दिलाता है।