नई दिल्ली, 23 सितंबर 2025: सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश सरकार से राज्य में आपदा प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी नीतियों पर स्पष्ट जानकारी देने को कहा है। अदालत का यह निर्देश हाल ही में आई भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ (फ्लैश फ्लड्स) की घटनाओं के बीच आया है, जिन्होंने पूरे प्रदेश में भारी तबाही मचाई है।
सुप्रीम कोर्ट के सवाल
शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार से आपदा प्रबंधन योजनाओं के अलावा कई अहम मुद्दों पर भी जवाब मांगा है। इनमें शामिल हैं:
-
जलवायु परिवर्तन और पर्यटन नीतियां
-
निर्माण और औद्योगिकीकरण की स्थिति
-
बड़े हाइड्रोपावर (जलविद्युत) प्रोजेक्ट्स के विवरण
-
फोर-लेन हाईवे परियोजनाएं
-
हर साल कितने पेड़ काटे गए और उन पर दर्ज मामले
-
हर जिले में लंबित मुकदमों की स्थिति
ग्रीन कवर और जोनिंग पर भी जानकारी मांगी
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी पूछा है कि क्या राज्य सरकार ने भूकंपीय गतिविधि, भूस्खलन, ग्रीन कवर और ईको-सेंसिटिव इलाकों के आधार पर किसी तरह की जोनिंग नीति बनाई है। अदालत ने साफ कहा कि सरकार को इस मामले में पूरी पारदर्शिता दिखानी होगी और विस्तृत रिपोर्ट पेश करनी होगी।
क्यों अहम है यह मामला
हिमाचल प्रदेश में पिछले कुछ सालों से लगातार भारी बारिश, भूस्खलन और फ्लैश फ्लड्स के चलते जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो रहा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि अनियंत्रित निर्माण, बड़े प्रोजेक्ट्स और वनों की कटाई ने प्राकृतिक आपदाओं के खतरे को और बढ़ा दिया है।