शहर में पेट्रोल पंपों पर गड़बड़ी को लेकर लोगों का गुस्सा भड़क उठा है। सेक्टर-46 स्थित एक पेट्रोल पंप पर ईंधन की मात्रा और मशीन में गड़बड़ी के आरोपों के बाद स्थानीय लोगों ने धरना-प्रदर्शन किया और प्रशासन से मांग की कि पूरे ट्राईसिटी के सभी पंपों की मशीनों और तेल की क्वालिटी की जांच की जाए।
गुरुवार को प्रशासन ने शिकायत मिलने पर एक मशीन को सील कर दिया था। इसके बावजूद शुक्रवार को लोगों ने पेट्रोल पंप के बाहर नारेबाजी करते हुए दोबारा विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में "सभी पंपों की जांच हो" लिखी तख्तियां लेकर प्रशासन के खिलाफ नाराज़गी जताई।
🚨 मामला कैसे शुरू हुआ?
सेक्टर-45 निवासी शादाब राठी ने इस मामले की शिकायत थाना-34 में दर्ज करवाई। राठी के अनुसार, वह अपनी गाड़ी में ₹1500 का पेट्रोल डलवाने गए थे। लेकिन पंप कर्मचारी ने कहा कि गलती से ₹2500 का पेट्रोल भर दिया गया है। राठी ने कहा कि कोई बात नहीं, वह पूरा भुगतान कर देंगे।
इसके बाद जब उन्होंने बिल और मशीन की रीडिंग मांगी तो उन्हें केवल ₹2200 का बिल दिया गया। राठी ने आपत्ति जताई कि जब पेट्रोल ₹2500 का डाला गया तो बिल ₹2200 का क्यों बनाया गया? इस पर बहस बढ़ गई और मामला पुलिस तक पहुंच गया।
🛑 प्रशासन की कार्रवाई
शिकायत मिलने के बाद प्रशासन और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। जांच के दौरान संदिग्ध मशीन को सील कर दिया गया और संबंधित विभाग के अधिकारियों को जांच के आदेश दिए गए। फिलहाल मामले की पड़ताल जारी है।
📌 लोगों की मांग
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि –
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केवल कर्मचारियों पर कार्रवाई काफी नहीं है।
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पंप मालिक और प्रबंधक पर भी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
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पूरे शहर और ट्राईसिटी के पेट्रोल पंपों की मशीनों और ईंधन की गुणवत्ता की जांच होनी चाहिए।