जालंधर जिला बार एसोसिएशन ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि पूरा वकील समुदाय 3 और 4 अक्टूबर को "नो वर्क डे" मनाएगा। इस दौरान अदालतों में कोई काम नहीं होगा और न ही केसों की सुनवाई की जाएगी।
यह फैसला बार एसोसिएशन की कार्यकारी समिति की बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता प्रधान आदित्य जैन ने की। यह कदम बटाला बार एसोसिएशन के राज्यस्तरीय आह्वान के समर्थन में उठाया गया है।
⚖ वकीलों का विरोध क्यों?
वकीलों का कहना है कि सरकार द्वारा प्रस्तावित ग्राम न्यायालय प्रणाली (Gram Nyayalaya System) उनके भविष्य के लिए नुकसानदेह है।
-
एसोसिएशन का मानना है कि गाँवों में अलग अदालतों की स्थापना से वकीलों के हितों पर बुरा असर पड़ेगा।
-
यह प्रणाली उनके पेशे और रोज़गार को प्रभावित कर सकती है।
-
बार एसोसिएशन का कहना है कि सरकार अगर इस फैसले को वापस नहीं लेती, तो आंदोलन और भी तेज़ किया जाएगा।
🛑 प्रशासन और न्यायिक अधिकारियों से अपील
जिला बार एसोसिएशन ने प्रशासनिक विभागों और अधिकारियों से अपील की है कि वे भी इस "नो वर्क डे" में सहयोग करें। इसमें शामिल हैं –
-
न्यायिक अधिकारी
-
कमिश्नरेट
-
डिविजनल कमिश्नर
-
डिप्टी कमिश्नर कार्यालय
-
एडीसी, तहसीलदार
-
उपभोक्ता फोरम
-
लेबर कोर्ट
-
लोक अदालत