नगर निगम अधिकारियों के अनुसार, यह प्रस्ताव पिछले सप्ताह राज्य सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है और स्वीकृति मिलते ही इसे लागू कर दिया जाएगा।
निगम ने नागरिकों को एक सप्ताह का समय दिया है ताकि वे MCG की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन सुझाव या सिविल लाइंस स्थित मुख्यालय में लिखित सुझाव भेज सकें।
नगर निगम आयुक्त प्रदीप दहिया ने बताया कि —
“स्वच्छ भारत मिशन (अर्बन) के तहत गुरुग्राम में कचरा प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए निगम लगातार प्रयासरत है। नए बायलॉज तैयार कर मुख्यालय को भेज दिए गए हैं और नागरिकों से सुझाव आमंत्रित किए जा रहे हैं।”
🔹 पांच रंगों का डिब्बा सिस्टम होगा लागू
अब तक शहर में दो रंगों के डिब्बों से कचरा अलग करने की व्यवस्था थी, लेकिन नए नियमों के तहत इसे पांच रंगों वाले डिब्बा सिस्टम (Five-Bin Segregation System) में बदला जाएगा।
हर घर, संस्था और व्यावसायिक प्रतिष्ठान को अपने स्तर पर कचरा अलग-अलग श्रेणियों में विभाजित कर निस्तारण करना होगा।
🟢 हरा डिब्बा (Biodegradable Waste)
रसोई का कचरा, बचे हुए खाने के टुकड़े, सब्जियों के छिलके और अन्य जैविक अपशिष्ट।
🔵 नीला डिब्बा (Dry Waste)
कागज, प्लास्टिक, बोतलें, गत्ता और अन्य सूखा कचरा।
🔴 लाल डिब्बा (Hazardous Waste)
पुरानी बैटरियां, ट्यूब लाइट, दवाइयों के अवशेष, मेडिकल वेस्ट आदि।
🟣 बैंगनी डिब्बा (Sanitary Waste)
सेनेटरी नेपकिन, डायपर और अन्य स्वच्छता संबंधी अपशिष्ट।
🟤 भूरा डिब्बा (Domestic Hazardous Waste)
रासायनिक पदार्थ, पेंट, थिनर, या घरेलू रूप से उपयोग किए जाने वाले खतरनाक तरल पदार्थ।
🔹 नियम तोड़ने पर भारी जुर्माना
नए बायलॉज के तहत यदि कोई व्यक्ति या संस्था कचरे को अलग-अलग श्रेणियों में नहीं बांटेगी या सार्वजनिक स्थलों पर कचरा फैलाएगी, तो उस पर भारी जुर्माना और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
नगर निगम का कहना है कि इन सख्त नियमों का उद्देश्य केवल दंड देना नहीं, बल्कि नागरिकों में स्वच्छता और जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देना है।
🔹 स्वच्छता मिशन की दिशा में बड़ा कदम
MCG अधिकारियों ने बताया कि इन नए नियमों से न केवल कचरा निस्तारण की दक्षता बढ़ेगी, बल्कि लैंडफिल साइट्स पर दबाव भी कम होगा।
यह कदम गुरुग्राम को “क्लीन और ग्रीन सिटी” बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल माना जा रहा है।