हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने ऊना के एसडीएम को दी अग्रिम जमानत
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सोमवार (6 अक्टूबर 2025) को ऊना के उपमंडल अधिकारी (SDM) विश्व देव मोहन चौहान को अग्रिम जमानत प्रदान की है। चौहान पिछले दो हफ्तों से गिरफ्तारी से बचते फिर रहे थे।
यह आदेश न्यायमूर्ति राकेश कंठला की अदालत ने सुनाया। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद एसडीएम को अंतरिम राहत दी और निर्देश दिया कि वह जांच में सहयोग करें। साथ ही, जांच अधिकारी को निर्देश दिया गया है कि वह मामले की स्थिति रिपोर्ट 16 अक्टूबर को अगली सुनवाई के दौरान अदालत में पेश करें।
महिला खिलाड़ी की शिकायत पर दर्ज हुआ था मामला
इस मामले की शुरुआत ऊना की एक महिला ताइक्वांडो खिलाड़ी की शिकायत से हुई थी। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि एसडीएम ने उसे शादी का झांसा देकर कई बार शारीरिक शोषण किया, जिनमें 10 अगस्त को सरकारी अतिथि गृह और कार्यालय में हुई घटनाएं भी शामिल हैं।
पुलिस रिपोर्ट और कोर्ट की कार्यवाही
पुलिस ने 23 सितंबर को यह मामला दर्ज किया था, लेकिन एसडीएम फरार थे। पुलिस की कई छापेमारी के बावजूद उन्हें पकड़ा नहीं जा सका। जांच के दौरान केवल उनकी Audi कार जब्त की जा सकी।
मामले की सुनवाई 26 सितंबर को शुरू हुई थी, जब हाईकोर्ट ने पुलिस से रिपोर्ट मांगी थी। 3 अक्टूबर की सुनवाई में एसडीएम के वकील ने अदालत को बताया कि आरोपी और पीड़िता के बीच समझौता हो गया है। हालांकि, अदालत ने पीड़िता को व्यक्तिगत रूप से पेश होकर बयान दर्ज कराने का आदेश दिया था।
अब जांच में शामिल होना अनिवार्य
हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिलने के बाद अब एसडीएम विश्व देव मोहन चौहान को जांच में शामिल होना होगा। यह मामला इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि इसमें एक सेवारत सरकारी अधिकारी पर गंभीर आरोप लगे हैं, जिसने पूरे प्रदेश में बहस को जन्म दिया है।