संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) की मानव विकास रिपोर्ट 2025 में हिमाचल प्रदेश ने एक बार फिर आर्थिक मोर्चे पर शानदार प्रदर्शन किया है। रिपोर्ट के अनुसार, राज्य की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से ₹22,653 रुपए अधिक दर्ज की गई है, जो हिमाचल की मजबूत अर्थव्यवस्था और संतुलित विकास का प्रमाण है।
📈 हिमाचल की आय में 9.6% की वृद्धि
वित्त वर्ष 2024-25 में हिमाचल प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय ₹2,57,512 दर्ज की गई है, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 9.6 प्रतिशत अधिक है।
वहीं, देश की औसत प्रति व्यक्ति आय ₹2,34,859 है।
इससे साफ है कि हिमाचल प्रदेश आर्थिक दृष्टि से राष्ट्रीय औसत से आगे बढ़ रहा है।
राज्य की इस प्रगति में बागवानी, पर्यटन, सेवा क्षेत्र (Service Sector) और निर्माण उद्योग (Construction) की अहम भूमिका रही है।
🌾 आर्थिक मजबूती के पीछे प्रमुख कारण
हिमाचल की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन चुके सेब उत्पादन, टमाटर की खेती, और हॉर्टिकल्चर सेक्टर ने ग्रामीण आय में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की है।
इसके अलावा, राज्य में लगातार बढ़ते निर्माण कार्य, पर्यटन व्यवसाय, और औद्योगिक विकास ने भी लोगों की आमदनी को बढ़ाने में योगदान दिया है।
🏆 जिलों के हिसाब से आय — सोलन सबसे आगे
रिपोर्ट के अनुसार, सोलन जिला हिमाचल प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय के मामले में शीर्ष पर है।
वर्ष 2022-23 में सोलन की प्रति व्यक्ति आय ₹8 लाख रुपए प्रति व्यक्ति आंकी गई थी।
सोलन की समृद्धि का मुख्य कारण उद्योगों की अधिकता, टमाटर उत्पादन, और मशरूम की खेती है।
सोलन के बाद लाहौल-स्पीति का स्थान आता है, जहां प्रति व्यक्ति आय करीब ₹3 लाख रुपए है।
सिरमौर और किन्नौर जिलों की प्रति व्यक्ति आय ₹2.5 लाख रुपए से अधिक है, जबकि शिमला जिला लगभग ₹2 लाख रुपए के आंकड़े के साथ पांचवें स्थान पर है।
📊 किन जिलों में आय अपेक्षाकृत कम
राज्य के अन्य जिलों — कुल्लू, ऊना, बिलासपुर, चंबा, मंडी, हमीरपुर और कांगड़ा — में प्रति व्यक्ति आय ₹2 लाख रुपए से कम है।
इसका प्रमुख कारण इन क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व अधिक होना और उद्योगों की संख्या कम होना बताया गया है।
खासकर कांगड़ा जिला, जिसकी जनसंख्या सबसे अधिक है, सूची में अंतिम स्थान पर है और यहां की प्रति व्यक्ति आय ₹1 लाख रुपए से कुछ ही अधिक है।
