हिमाचल प्रदेश में इस साल मानसून का कहर शिक्षा व्यवस्था पर भारी पड़ा है। राज्य में 1,320 से अधिक स्कूल भूस्खलन, बादल फटने और भारी बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हो गए हैं। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, शिक्षा विभाग को लगभग ₹122 करोड़ का नुकसान हुआ है।
📚 शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने दिए मरम्मत तेज करने के निर्देश
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने सोमवार को शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। इस बैठक में उन्होंने राज्यभर में शिक्षा संस्थानों को हुए नुकसान, भर्ती प्रक्रिया, सरकारी योजनाओं की प्रगति और मरम्मत कार्यों की स्थिति की समीक्षा की।
ठाकुर ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सबसे अधिक क्षतिग्रस्त स्कूलों की मरम्मत को प्राथमिकता दी जाए और कार्य में तेजी लाई जाए।
💰 PDNA फंड्स के उपयोग को लेकर सख्त निर्देश
मंत्री ने कहा कि Post Disaster Needs Assessment (PDNA) फंड का उपयोग सावधानीपूर्वक और पारदर्शिता के साथ किया जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि 75 प्रतिशत से अधिक क्षति झेल चुके स्कूलों को पहले फंड मुहैया कराया जाए।
इसके साथ ही, उन्होंने चेतावनी दी कि जिन स्कूलों से फंड उपयोग रिपोर्ट पाँच दिनों के भीतर प्राप्त नहीं होगी, उनके अनुपयोगित फंड अन्य ज़रूरतमंद स्कूलों को ट्रांसफर कर दिए जाएंगे।
🏫 शिक्षा ढांचे की बहाली पर सरकार का फोकस
हिमाचल प्रदेश में हाल ही में आई प्राकृतिक आपदाओं से कई सरकारी स्कूलों की इमारतें जर्जर हो गई हैं। कई स्थानों पर बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य न केवल ढांचे की बहाली करना है, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना भी है।
🗣️ “हर बच्चे को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना सरकार की प्राथमिकता”
मंत्री ठाकुर ने कहा,
“हमारा संकल्प है कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित स्कूलों का पुनर्निर्माण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
🔹 निष्कर्ष
हिमाचल प्रदेश की सरकार शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने में जुटी है। आने वाले महीनों में मरम्मत कार्यों के पूरा होने के बाद कई प्रभावित क्षेत्रों में फिर से कक्षाएं शुरू होने की उम्मीद है।
