करनाल (हरियाणा):
हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी (HSGMC) के अध्यक्ष जगदीश सिंह झिंडा इन दिनों संगठन के भीतर विरोध का सामना कर रहे हैं।
कमेटी के कई निर्वाचित सदस्यों ने उनसे “नैतिक आधार पर इस्तीफा” देने की मांग की है।
यह पहली बार है जब 49-सदस्यीय सदन के एक हिस्से ने कमेटी अध्यक्ष से सार्वजनिक रूप से त्यागपत्र की मांग की है।
🔹 अध्यक्ष झिंडा का पलटवार
गुरुवार को इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए जगदीश सिंह झिंडा ने कहा कि कुछ सदस्य इसलिए नाराज़ हैं क्योंकि उन्होंने कमेटी के फंड और जनता के दान के दुरुपयोग पर सख्त रोक लगा दी है।
उन्होंने कहा, “जबसे मैंने पद संभाला है, मैं गुरुद्वारा की आय का पारदर्शी उपयोग सुनिश्चित कर रहा हूँ। कुछ लोग, जो पहले मनमानी करते थे, अब असहज महसूस कर रहे हैं।”
🔹 17 सदस्यों ने जताया अविश्वास
मंगलवार को 17 HSGMC सदस्यों ने एक बैठक के दौरान झिंडा के खिलाफ अविश्वास जताया और कहा कि अध्यक्ष या तो खुद इस्तीफा दें या फिर जनरल हाउस की बैठक बुलाकर बहुमत साबित करें।
यह बैठक जूनियर उपाध्यक्ष गुरबीर सिंह तलाकौर की अध्यक्षता में
कुरुक्षेत्र के गुरुद्वारा साहिब पटशाही छेविन स्थित मुख्यालय में हुई।
बैठक में धर्म प्रचार समिति के अध्यक्ष बलजीत सिंह दादूवाल सहित कई सदस्य मौजूद रहे।
🔹 संगठन में बढ़ता असंतोष
सूत्रों के अनुसार, बागी सदस्यों का आरोप है कि अध्यक्ष ने फैसले लेते समय अन्य पदाधिकारियों से विचार-विमर्श नहीं किया और कई प्रशासनिक बदलाव अकेले किए।
वहीं, झिंडा समर्थकों का कहना है कि अध्यक्ष ने गुरुद्वारा प्रबंधन में पारदर्शिता और अनुशासन की नीति अपनाई है, जिससे कुछ लोग असहज हैं।
🔹 आगे क्या?
अब देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में
HSGMC के भीतर यह विवाद सुलझता है या और बढ़ता है।
संभावना है कि जल्द ही जनरल हाउस की बैठक बुलाई जा सकती है,
जिसमें अध्यक्ष झिंडा अपना बहुमत साबित करेंगे।