भारतीय क्रिकेट के इतिहास में 10 जुलाई 2019 का दिन हमेशा याद किया जाएगा। इस दिन महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) ने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था — और वह भी उस अंदाज़ में जिसे आज भी करोड़ों भारतीय भूल नहीं पाए हैं।
यह मुकाबला ICC वर्ल्ड कप 2019 का सेमीफाइनल था, जो मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच खेला गया था।
🏏 धोनी की जिद, जज़्बा और वो रनआउट जिसने दिल तोड़ दिया
न्यूज़ीलैंड ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए भारत को 240 रनों का लक्ष्य दिया था। जवाब में भारत की शुरुआत बेहद खराब रही — टॉप ऑर्डर सिर्फ कुछ ही रन जोड़कर पवेलियन लौट गया।
उस वक्त धोनी और रविंद्र जडेजा ने पारी को संभाला और उम्मीद की नई किरण जगाई। दोनों के बीच हुई साझेदारी ने लाखों भारतीयों को जीत की आस दी थी।
जब आखिरी 10 गेंदों पर 25 रन चाहिए थे, तब धोनी स्ट्राइक पर थे। तभी मार्टिन गुप्टिल के बिजली जैसी थ्रो ने धोनी को रनआउट कर दिया। धोनी के पवेलियन लौटते ही पूरा स्टेडियम सन्न रह गया — मानो जीत की उम्मीद उसी पल टूट गई हो।
🥹 अधूरी पारी, अधूरा सपना
धोनी ने उस मैच में 72 गेंदों पर 50 रन बनाए थे, जिसमें एक चौका और एक छक्का शामिल था।
उनके रनआउट होते ही भारत की पारी लड़खड़ा गई और टीम 18 रनों से मैच हार गई।
यह हार सिर्फ एक मैच की नहीं थी — यह थी धोनी के करियर की आखिरी झलक, जो हर भारतीय फैन के दिल में आज भी ताज़ा है।
🧢 धोनी ने लिया संन्यास, लेकिन छोड़ी अमिट छाप
इस हार के बाद धोनी ने धीरे-धीरे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूरी बना ली।
उन्होंने 15 अगस्त 2020 को इंस्टाग्राम पर एक भावुक वीडियो साझा करते हुए अपने संन्यास की घोषणा की।
धोनी ने न सिर्फ ट्रॉफियां जीतीं, बल्कि एक पीढ़ी को यह सिखाया कि नेतृत्व शांत होकर भी ताकतवर होता है।
🕊️ धोनी – एक नाम, जो हमेशा रहेगा याद
धोनी का आखिरी रनआउट सिर्फ एक क्रिकेटिंग पल नहीं था, बल्कि वह एक भावनात्मक क्षण था, जिसने हर भारतीय क्रिकेट प्रेमी की आंखें नम कर दीं।
आज भी जब कोई क्रिकेट फैन वह वीडियो देखता है, तो दिल से यही आवाज़ निकलती है —
“धोनी... तू हमेशा हमारे दिल में रहेगा।”