मोहाली शहर इन दिनों गंभीर कूड़ा संकट (Garbage Crisis) से जूझ रहा है। शहर की गलियों और मोहल्लों में जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हैं, जिससे बदबू, मच्छरों और बीमारियों का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। स्थिति इतनी बिगड़ चुकी है कि अब नगर निगम (Municipal Corporation) के पास कचरा डालने के लिए कोई डंपिंग साइट भी नहीं बची है।
🧹 हर दिन 150 टन कचरा, पर नहीं है डंपिंग ग्राउंड
मोहाली नगर निगम हर दिन लगभग 150 टन कचरा इकट्ठा करता है। लेकिन शहर का मुख्य डंपिंग ग्राउंड पिछले डेढ़ साल से बंद पड़ा है।
इसके कारण अब सारा कचरा अस्थायी स्थानों पर जमा हो रहा है, जिससे स्थानीय निवासियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
👥 मेयर जीती सिद्धू का विभाग को ज्ञापन
इस बढ़ती समस्या को देखते हुए मेयर अमरजीत सिंह जीती सिद्धू ने सीनियर डिप्टी मेयर अमरीक सिंह सोमल और पार्षदों के बड़े प्रतिनिधिमंडल के साथ चंडीगढ़ स्थित पंजाब लोकल गवर्नमेंट विभाग के निदेशक और सचिव से मुलाकात की।
इस दौरान उन्होंने शहर की बिगड़ती स्थिति पर चिंता जताते हुए तुरंत समाधान की मांग की।
मेयर ने अधिकारियों को एक ज्ञापन (Memorandum) सौंपा, जिसमें शहर के लिए नई डंपिंग साइट तय करने और कचरा प्रबंधन की ठोस नीति बनाने की बात कही गई।
🏛️ विभाग ने दिलाया जल्द कार्रवाई का भरोसा
पंजाब लोकल गवर्नमेंट विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने मेयर जीती सिद्धू को भरोसा दिलाया कि मोहाली की सफाई समस्या को लेकर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि कचरा प्रबंधन से जुड़े सभी विकल्पों की समीक्षा की जा रही है ताकि शहर में स्वच्छता बहाल की जा सके।
⚠️ स्वास्थ्य पर बढ़ रहा खतरा
लगातार जमा हो रहे कचरे से दुर्गंध और मक्खियों की भरमार हो गई है। स्थानीय निवासी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से परेशान हैं और कई इलाकों में डेंगू और मलेरिया के मामले बढ़ने लगे हैं।
लोगों का कहना है कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।
🗣️ निष्कर्ष
मोहाली नगर निगम की यह समस्या केवल प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि शहर की स्वच्छता व्यवस्था पर बड़ा सवाल है।
अब देखना यह होगा कि पंजाब सरकार और स्थानीय निकाय विभाग कितनी जल्दी इस संकट को खत्म करने के लिए कदम उठाते हैं।