पंजाब के कई इलाकों से चौंकाने वाली खबर सामने आई है। हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि राज्य के अनेक गांवों में पीने का पानी दूषित पाया गया है।
दूषित पानी न केवल पेट से जुड़ी बीमारियों को बढ़ा रहा है, बल्कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा भी तेजी से बढ़ रहा है।
🚱 जल शक्ति मंत्रालय की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
जल शक्ति मंत्रालय द्वारा कराई गई जांच में पाया गया कि पिछले छह महीनों में लिए गए 40,720 पानी के नमूनों में से 461 नमूने फेल पाए गए।
इनमें कई ऐसे क्षेत्र शामिल हैं जहां के निवासी आज भी दूषित पानी पीने को मजबूर हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, यह दूषित पानी हैजा, दस्त, टाइफाइड जैसी बीमारियों का मुख्य कारण बन रहा है।
इसके अलावा, पानी में मौजूद भारी धातुएं (Heavy Metals) लोगों को धीरे-धीरे कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों के करीब ले जा रही हैं।
🧪 राज्य में 33 लैब्स कर रही हैं जांच
पंजाब में पीने के पानी की गुणवत्ता जांचने के लिए कुल 33 प्रयोगशालाएं (Labs) स्थापित की गई हैं।
इनमें से 31 लैब्स NABL (National Accreditation Board for Testing and Calibration Laboratories) द्वारा मान्यता प्राप्त हैं।
यही लैब्स गांव-गांव से लिए गए नमूनों की जांच करती हैं ताकि जनता को सुरक्षित पानी उपलब्ध कराया जा सके।
📊 टेस्टिंग के आंकड़े चौंकाने वाले हैं
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कुल नमूने लिए गए: 40,720
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लैब में टेस्ट किए गए नमूने: 40,660
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फेल हुए नमूने: 461
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जहां दूषित पानी मिला, वहां 59 जगहों पर वैकल्पिक व्यवस्था की गई।
इसके अलावा, विभाग द्वारा फील्ड टेस्ट किट्स (Field Test Kits) के माध्यम से गांव स्तर पर भी जांच की जा रही है ताकि दूषित पानी का पता समय रहते लगाया जा सके।
🏘️ गांवों में हो रही नियमित जांच
पिछले छह महीनों में 9,145 गांवों में 78,518 फील्ड टेस्ट किए गए।
जिन जगहों पर दूषित पानी मिला, वहां तुरंत विभाग को सूचित किया गया ताकि
साफ पानी की आपूर्ति के लिए तत्काल कार्रवाई की जा सके।
देशभर के आंकड़ों पर नज़र डालें तो
2,843 लैब्स में कुल 39,40,482 नमूनों की जांच हुई, जिनमें से 1,04,836 नमूने असफल (Fail) पाए गए।
इनमें से 29,160 स्थानों पर सरकार ने सुधारात्मक कदम उठाए हैं।
