पंजाब में रोडवेज और पीआरटीसी की बसों से यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है।
ठेका कर्मचारी यूनियन ने पंजाब सरकार की "कर्मचारी विरोधी नीतियों" के विरोध में 31 अक्टूबर को राज्यव्यापी हड़ताल की घोषणा की है। इस दिन सभी बसों का संचालन रोकने की चेतावनी दी गई है।
यह फैसला तब लिया गया जब सरकार ने किलोमीटर स्कीम के तहत बसों के लिए नए टेंडर जारी करने की प्रक्रिया दोबारा शुरू की है, जबकि कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को नियमित (Regularize) करने की मांग अब तक पूरी नहीं हुई।
📢 राज्य स्तरीय बैठक में लिया गया बड़ा निर्णय
पंजाब रोडवेज, पनबस और पीआरटीसी कॉन्ट्रैक्ट एम्प्लॉईज़ यूनियन की एक राज्य स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया।
बैठक की अध्यक्षता यूनियन प्रमुख रेशम सिंह गिल और जनरल सेक्रेटरी शमशेर सिंह ढिल्लों ने की।
बैठक में पंजाब के विभिन्न डिपो के प्रतिनिधि शामिल हुए और सरकार की नीतियों का कड़ा विरोध किया।
यूनियन का कहना है कि सरकार बार-बार आश्वासन तो देती है, लेकिन स्थायी भर्ती और नियमितीकरण की प्रक्रिया में कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा।
कर्मचारियों ने कहा कि उन्होंने अपने सभी आवश्यक दस्तावेज पहले ही जमा करवा दिए हैं, लेकिन ट्रांसपोर्ट विभाग की लापरवाही के कारण मामला आगे नहीं बढ़ पा रहा।
⚠️ 27 अक्टूबर से विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत
यूनियन ने यह भी घोषणा की कि विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत 27 अक्टूबर से तरनतारण उपचुनाव के दिन से की जाएगी।
इसके बाद पूरे राज्य में अलग-अलग स्थानों पर धरने और प्रदर्शन होंगे।
कर्मचारी नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार किलोमीटर स्कीम के तहत निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रही है।
उनका कहना है कि निजी टेंडर से सरकारी कर्मचारियों का भविष्य असुरक्षित हो जाएगा।
🚌 बसें रुकेंगी, जनता को होगी दिक्कत
यूनियन ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि 31 अक्टूबर को किलोमीटर स्कीम के टेंडर खोले गए, तो वे पूरे राज्य में बसों का संचालन रोक देंगे।
पहले भी दो बार यूनियन के विरोध के कारण सरकार को टेंडर रद्द करने पड़े थे, लेकिन बार-बार टेंडर निकालना कर्मचारियों के साथ अन्याय है।
