भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने एक बार फिर से बैंकिंग सेक्टर में सख्त रुख अपनाते हुए महाराष्ट्र के सतारा जिले के "जीजामाता महिला सहकारी बैंक (Jijamata Mahila Sahakari Bank)" का लाइसेंस रद्द कर दिया है। इस फैसले के बाद बैंक के ग्राहकों में चिंता का माहौल पैदा हो गया है।
RBI ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि बैंक के पास न तो पर्याप्त पूंजी है और न ही भविष्य में अपने दायित्वों को पूरा करने की वित्तीय क्षमता। यही कारण है कि अब यह बैंक जनता के हित में आगे काम नहीं कर सकता।
⚠️ RBI का सख्त निर्णय – जानिए क्यों रद्द हुआ लाइसेंस
रिज़र्व बैंक ने बताया कि जीजामाता महिला सहकारी बैंक की वित्तीय स्थिति पिछले कई वर्षों से कमजोर बनी हुई थी। बैंक के खाते, पूंजी, और ऋण वसूली की स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा था।
इससे पहले भी 30 जून 2016 को बैंक का लाइसेंस रद्द किया गया था, लेकिन बैंक की अपील पर 23 अक्टूबर 2019 को इसे अस्थायी रूप से बहाल किया गया था।
हालांकि, बैंक के वित्तीय लेन-देन की सच्चाई जानने के लिए RBI ने वित्तीय वर्ष 2013-14 का फॉरेंसिक ऑडिट कराने का आदेश दिया था। इसके लिए एक ऑडिटर नियुक्त किया गया था, लेकिन बैंक ने जांच में पर्याप्त सहयोग नहीं किया।
इस वजह से ऑडिट अधूरा रह गया और RBI ने अब यह कठोर कदम उठाने का निर्णय लिया है।
🏦 खाताधारकों को क्या होगा असर?
RBI के इस फैसले से बैंक के ग्राहकों को असुविधा जरूर होगी, लेकिन रिज़र्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि जमा धनराशि पर जमाकर्ताओं का हक सुरक्षित रहेगा।
ग्राहक अपनी जमा राशि Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation (DICGC) के नियमों के तहत प्राप्त कर सकेंगे। DICGC के अनुसार, किसी भी जमाकर्ता को अधिकतम ₹5 लाख तक की राशि की सुरक्षा प्रदान की जाती है।
💬 RBI ने कहा – जनता के हित में जरूरी कदम
रिज़र्व बैंक ने कहा कि यह फैसला जनता के हित में लिया गया है, ताकि कमजोर सहकारी बैंकों के कारण आम लोगों की मेहनत की कमाई जोखिम में न पड़े।
बैंक की आर्थिक स्थिति इस कदर बिगड़ चुकी थी कि वह न तो अपने खाताधारकों को पैसे लौटा सकता था और न ही संचालन जारी रख सकता था।
📊 मुख्य बिंदु एक नज़र में
-
बैंक: जीजामाता महिला सहकारी बैंक, सतारा (महाराष्ट्र)
-
निर्णय: RBI ने लाइसेंस रद्द किया
-
कारण: पूंजी की कमी और संचालन में असफलता
-
पहले भी रद्द हुआ था लाइसेंस: 2016, फिर बहाल 2019
-
खाताधारकों की सुरक्षा: ₹5 लाख तक की गारंटी DICGC से
-
RBI का उद्देश्य: बैंकिंग सिस्टम को मजबूत और पारदर्शी बनाना