जालंधर (पंजाब):
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष राजा वड़िंग के विवादित बयान से नाराज होकर कांग्रेस से जुड़े एडवोकेट गुरजीत सिंह काहलों ने पार्टी के पद से इस्तीफा दे दिया है। सोमवार को उन्होंने प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस्तीफे का ऐलान करते हुए कहा कि राजा वड़िंग घमंडी स्वभाव के हैं और पार्टी अध्यक्ष बनने के योग्य नहीं हैं।
गुरजीत काहलों ने कहा, “मैं राजा वड़िंग की कार्यशैली और उनके अहंकार से बेहद दुखी हूं। ऐसे व्यक्ति के नेतृत्व में काम करना मेरे लिए संभव नहीं है। इसलिए मैं अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं, हालांकि मैं कांग्रेस पार्टी का हिस्सा बना रहूंगा।”
उन्होंने आरोप लगाया कि राजा वड़िंग के बयान जानबूझकर दिए जाते हैं ताकि राजनीतिक लाभ उठाया जा सके, लेकिन इससे पार्टी की छवि को नुकसान हो रहा है। काहलों ने कहा कि राज्य कांग्रेस के दलित नेताओं ने इस मुद्दे पर अब तक कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं दी, जो बेहद निराशाजनक है।
काहलों ने यह भी बताया कि उन्होंने इस पूरे मामले की शिकायत कांग्रेस हाईकमान को ईमेल के माध्यम से भेज दी है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस मुद्दे पर कार्रवाई नहीं की गई, तो वे किसान नेताओं और दलित समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
उन्होंने कहा, “राजा वड़िंग घमंड से भरे हुए हैं। उनके नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी लगातार विवादों में फंसती जा रही है। उनके रोज़ाना के विवादित बयान पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे हैं। लुधियाना उपचुनाव के बाद से कई नेता केवल पदों की दौड़ में लगे हैं, जिससे कांग्रेस की एकजुटता प्रभावित हो रही है।”
राजनीतिक हलचल तेज
गुरजीत सिंह काहलों के इस कदम से पंजाब कांग्रेस में एक बार फिर अंदरूनी कलह सामने आ गई है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, हाईकमान इस मामले पर गंभीरता से विचार कर रहा है और जल्द ही स्थिति को संभालने की कोशिश की जाएगी।
