हरियाणा के पूर्व वित्त मंत्री संपत सिंह ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा, हुड्डा परिवार पर साधा निशाना
चंडीगढ़ (हरियाणा):
हरियाणा के पूर्व वित्त मंत्री और छह बार के विधायक संपत सिंह ने रविवार को कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे के साथ ही उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि “कांग्रेस अब एक व्यक्ति और उसके परिवार की जागीर बन चुकी है।”
संपत सिंह ने कहा कि हरियाणा की जनता अब पार्टी की राज्य और केंद्रीय नेतृत्व दोनों से निराश हो चुकी है।
🔹 चार पन्नों के इस्तीफे में कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना
अपने X (ट्विटर) अकाउंट पर पोस्ट किए गए चार पन्नों के इस्तीफे में संपत सिंह ने लिखा कि 2009 से लगातार हो रही चुनावी हार पर कभी कोई जिम्मेदारी तय नहीं की गई।
उन्होंने कहा कि “टिकट चोरी (Ticket Theft)” की घटनाओं पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने याद दिलाया कि भजन लाल के नेतृत्व में 2005 में कांग्रेस ने 67 सीटें जीती थीं, लेकिन तब से हार का सिलसिला लगातार जारी है।
🔹 INLD में शामिल होने के संकेत
संपत सिंह हाल ही में 25 सितंबर को इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) की रैली में नजर आए थे, जो पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल की 112वीं जयंती पर रोहतक में आयोजित की गई थी।
अब उम्मीद जताई जा रही है कि वह जल्द ही INLD में शामिल हो सकते हैं।
1 अक्टूबर को उन्होंने एक और पोस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा को कांग्रेस विधायक दल का नेता बनाए जाने के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा था कि “इस निर्णय ने पार्टी के वफादार कार्यकर्ताओं को निराश कर दिया है और जनता में अविश्वास का माहौल पैदा कर दिया है।”
🔹 दलित नेताओं की अनदेखी पर भी नाराज़गी
अपने इस्तीफे में संपत सिंह ने लिखा कि लोकसभा चुनाव में दलित मतदाताओं ने कांग्रेस का भरपूर समर्थन किया, लेकिन राज्य नेतृत्व ने अहंकार और पारिवारिक हितों के चलते वरिष्ठ दलित नेता कुमारी शैलजा को हाशिए पर कर दिया।
उनके खिलाफ जातिवादी टिप्पणी और आपत्तिजनक वीडियो फैलाए गए और उनके समर्थकों को टिकट देने से मना कर दिया गया, जिसके चलते दलित समाज ने कांग्रेस से दूरी बना ली।
🔹 “धनबल वालों को टिकट, जीतने वालों की अनदेखी”
संपत सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि विधानसभा चुनावों में पार्टी ने जीतने योग्य उम्मीदवारों की बजाय धनबल वालों को टिकट दिए।
उन्होंने कहा कि कुछ उम्मीदवारों ने स्वतंत्र प्रत्याशी बनकर पार्टी को नुकसान पहुंचाया, जो कांग्रेस के अंदर फैले गुटबाजी का नतीजा है।
🔹 “कांग्रेस अब परिवार तक सीमित”
उन्होंने बिना नाम लिए हुड्डा परिवार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “एक राष्ट्रीय पार्टी तब परिवार की संपत्ति बन जाती है, जब एक बड़े नेता का बेटा 2020 में राज्यसभा भेज दिया जाता है, जबकि किसी योग्य दलित या पिछड़े वर्ग के नेता को मौका नहीं दिया गया।”
उन्होंने याद दिलाया कि भजन लाल, राव इंदरजीत सिंह, कुलदीप बिश्नोई, अशोक तंवर और धर्मबीर सिंह जैसे कई दिग्गज नेता पहले ही कांग्रेस छोड़ चुके हैं, जो पार्टी के अंदर गहराते असंतोष का सबूत है।
