हरियाणा ने अपने गठन के 60 वर्ष पूरे करते हुए विकास का ऐसा अध्याय लिखा है जो आत्मनिर्भर भारत की मिसाल बन गया है। चाहे बात औद्योगिक क्रांति की हो या हरित ऊर्जा और शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार की — हरियाणा का विकास मॉडल अब पूरे देश के लिए प्रेरणा बन रहा है।
🏭 बहादुरगढ़ ने दी ‘मेक इन हरियाणा’ को नई पहचान
साल 1966 में जब हरियाणा का गठन हुआ, तब बहादुरगढ़ ने उद्योग जगत में आत्मनिर्भरता की नींव रखी। इस शहर ने फुटवियर इंडस्ट्री में वह मुकाम हासिल किया जिसने चीन से आने वाले जूतों के आयात को लगभग खत्म कर दिया।
आज बहादुरगढ़ में करीब 2,500 से अधिक उद्योग इकाइयां प्रतिदिन 80 लाख जोड़ी जूते बनाती हैं — जो देश की कुल मांग का लगभग 60 प्रतिशत है। यह उद्योग आज 50,000 करोड़ रुपये के वार्षिक कारोबार तक पहुंच चुका है, जिससे हजारों परिवारों को रोजगार मिला है।
🚆 जींद बनेगा भारत का पहला हाइड्रोजन हब
हरियाणा का जींद जिला अब हरित परिवहन के क्षेत्र में देश का नेतृत्व करेगा। इसी साल के अंत तक जींद से सोनीपत के बीच देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन पटरी पर दौड़ने वाली है।
इस रूट पर आठ बोगियों वाली यह आधुनिक ट्रेन 110 से 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी। इसके लिए जींद में देश का पहला हाइड्रोजन फ्यूल प्लांट भी तेजी से तैयार हो रहा है, जहां से ट्रेन को ईंधन की आपूर्ति की जाएगी।
इस तकनीक के साथ भारत दुनिया का पांचवां देश बन जाएगा जो हाइड्रोजन ट्रेन का संचालन करेगा। इससे पहले जर्मनी, फ्रांस, स्वीडन और चीन में यह तकनीक अपनाई जा चुकी है।
🎓 कैथल में बन रहा हरियाणा का पहला संस्कृत विश्वविद्यालय
हरियाणा केवल उद्योग और ऊर्जा के क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पुनर्जागरण की दिशा में भी कदम बढ़ा रहा है। कैथल जिले के मूंदड़ी गांव में राज्य का पहला महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय तेजी से आकार ले रहा है।
यह विश्वविद्यालय हरियाणा के बौद्धिक और सांस्कृतिक भविष्य को नई दिशा देगा। लगभग 24 एकड़ में फैला परिसर 47 कक्षाओं और 3200 विद्यार्थियों की क्षमता के साथ तैयार हो रहा है।
करीब 33 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस संस्थान का अकादमिक ब्लॉक लगभग पूरा हो चुका है, और उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों में यहां शिक्षण सत्र की शुरुआत हो जाएगी।
🌱 हरियाणा का संतुलित विकास मॉडल
औद्योगिक प्रगति, हरित ऊर्जा, शिक्षा और संस्कृति — हर क्षेत्र में हरियाणा ने विकास की नई मिसालें कायम की हैं।
राज्य का यह संतुलित विकास मॉडल आने वाले समय में न केवल प्रदेश बल्कि पूरे भारत के लिए सतत विकास (Sustainable Development) का उदाहरण बन सकता है।
