🌄 "अगर तुम नहीं सुधरे, तो हिमाचल तुम्हें नाम-निशान-नेटवर्क सहित मिटा देगा" – मुख्यमंत्री सुक्खू
शिमला:
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज राज्य में मादक पदार्थों (चिट्टा) के खिलाफ एक व्यापक जन आंदोलन की शुरुआत की।
उन्होंने शिमला के रिज से चौड़ा मैदान तक आयोजित “चिट्टा-विरुद्ध जागरूकता वॉकथॉन” का नेतृत्व किया।
इस अभियान में विद्यार्थियों, समाजसेवियों, जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और हजारों नागरिकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
वॉकथॉन से पहले मुख्यमंत्री ने सभी को नशा-मुक्त हिमाचल का संकल्प दिलाया।
💬 “यह सरकारी कार्यक्रम नहीं, जन आंदोलन है”
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि चिट्टा मुक्त हिमाचल केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि यह जनता की पुकार और हिमाचल की अस्मिता का युद्ध है।
उन्होंने कहा —
“चिट्टे के खिलाफ यह अभियान इतना शक्तिशाली होगा कि इसकी गूंज केवल पहाड़ों में नहीं, पूरे भारत में सुनाई देगी।”
उन्होंने बताया कि अब स्कूल शिक्षा के साथ संस्कार और सुरक्षा के किले बनेंगे। नई पीढ़ी चिट्टा नहीं, चेतना लेकर आगे बढ़ेगी।
👩👦 मां दुर्गा बनेंगी समाज की शक्ति
सुक्खू ने कहा कि इस जन आंदोलन में महिलाएं और माताएं सबसे बड़ी भूमिका निभाएंगी।
“जब मां जागती है तो पूरा समाज संभल जाता है। महिलाएं दुर्गा का रूप धारण कर चिट्टा तस्करों का अंत करेंगी।”
उन्होंने धार्मिक संस्थाओं से भी अपील की कि वे देवभूमि में नशामुक्त समाज के लिए आवाज बुलंद करें।
🚔 नशे के खिलाफ तीन स्तर पर कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने तीन प्रमुख दिशाओं में काम शुरू किया है:
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जागरूकता अभियान: जनता को नशे के दुष्परिणामों के बारे में शिक्षित करना।
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कानूनी कार्रवाई: नशा माफिया पर सख्त कार्रवाई और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को मजबूत करना।
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पुनर्वास: नशे की गिरफ्त में आए युवाओं का इलाज, पुनर्वास और समाज में पुनर्स्थापन।
उन्होंने कहा —
“जो युवा चिट्टे की दलदल में फंसे हैं, वे अपराधी नहीं, बल्कि इलाज और प्यार के हकदार हैं।”
⚖️ कानून में कड़ी सजा का प्रावधान
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि सरकार ने जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है।
अब PIT-NDPS अधिनियम के तहत दोबारा तस्करी में पकड़े गए आरोपियों पर मृत्युदंड, आजीवन कारावास और संपत्ति जब्ती जैसे कठोर प्रावधान लागू किए गए हैं।
👮♂️ एंटी-चिट्टा वालंटियर टीम बनेगी
सरकार जल्द ही 1,000 एंटी-चिट्टा वालंटियरों की टीम बनाएगी जो पुलिस और जनता के बीच कड़ी का काम करेंगे।
इन टीमों की मदद से पंचायत स्तर तक तस्करों की पहचान और रोकथाम की जाएगी।
साथ ही, स्कूल पाठ्यक्रम में भी नशा-मुक्ति पर नया अध्याय जोड़ा जाएगा ताकि बच्चे छोटी उम्र से जागरूक बन सकें।
🌟 जनता, सरकार और पुलिस — तीनों तैयार हैं
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा —
“जो लोग बच्चों का भविष्य बर्बाद करते हैं, उन्हें बचाने के लिए इस देवभूमि में कोई जगह नहीं बची है।”
उन्होंने जोड़ा —
“हमारी पुलिस तैयार है, सरकार तैयार है और जनता भी तैयार है।”
इस ऐतिहासिक पहल में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनी राम शांडिल, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, समेत कई वरिष्ठ अधिकारी, विधायक और नागरिक मौजूद रहे।
🌐 नशामुक्त हिमाचल — नई चेतना की ओर कदम
मुख्यमंत्री सुक्खू की यह पहल हिमाचल के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
अब यह केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक की भागीदारी का अभियान है।
नशामुक्त हिमाचल, स्वस्थ हिमाचल — यही है सच्ची देशभक्ति।


