✍️ हिमाचल हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला: 1404 लेक्चररों को राहत, सेवा लाभ बहाल करने का आदेश
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को एक बड़ा निर्देश जारी करते हुए कहा है कि स्कूल कैडर के 1404 लेक्चररों से पहले लिए गए सेवा लाभ तुरंत बहाल किए जाएं। अदालत ने स्पष्ट किया कि ये लाभ पहले न्यायालय के फैसलों के आधार पर प्रदान किए गए थे, इसलिए किसी प्रशासनिक आदेश के आधार पर इन्हें वापस लेना उचित नहीं है।
इन अधिकारियों की नियुक्ति वर्ष 2009 में अनुबंध आधार पर हुई थी, लेकिन विभिन्न न्यायिक निर्णयों के बाद उनकी सेवाओं को प्रारंभिक नियुक्ति तिथि से नियमित माना गया था। शिक्षा विभाग ने पहले इन लाभों को बहाल किया था, लेकिन 17 मार्च 2025 के एक कार्यालय आदेश के बाद इन्हें वापस ले लिया गया था।
⚖️ कोर्ट ने क्या कहा?
न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर और न्यायमूर्ति रोमेश वर्मा की खंडपीठ ने शिक्षा विभाग को आदेश दिया कि—
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31 दिसंबर 2025 तक या उससे पहले सभी प्रभावित शिक्षकों को समान लाभ दिए जाएं
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पहले से दिए गए लाभों को वापस लेना नियमों के अनुरूप नहीं
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विभाग यह सुनिश्चित करे कि नियमित सेवा लाभों में किसी प्रकार की कटौती न हो
याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में बताया कि 17 मार्च 2025 का आदेश जारी होने के बाद उनके वैध सेवा लाभ अचानक समाप्त कर दिए गए थे, जिससे वे प्रभावित हुए।
📜 मामले की पृष्ठभूमि
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2008–09 में शिक्षा विभाग ने स्कूल कैडर के 1404 पदों को भरने की स्वीकृति दी थी।
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भर्ती प्रक्रिया हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से संचालित हुई।
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अनुबंध नियुक्ति का नियम जून 2009 में अधिसूचित हुआ, जबकि भर्तियां उससे पहले ही विज्ञापित हो चुकी थीं।
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इस विसंगति को लेकर कई शिक्षकों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया।
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कोर्ट ने आदेश दिया कि शिक्षकों को उनकी प्रारंभिक नियुक्ति तिथि से नियमित मानकर सभी लाभ दिए जाएं।
🏛️ सेवा शर्त अधिनियम 2024 लागू होने के बाद विवाद गहरा
2024 में हिमाचल सरकार द्वारा भर्ती एवं सेवा शर्त अधिनियम लागू किया गया, जिसके बाद शिक्षा विभाग ने कई शिक्षकों के सेवा लाभ वापस लेने का निर्णय किया।
इसके खिलाफ शिक्षकों ने अनुपालन याचिकाएँ दायर कीं और कोर्ट ने फिर से स्पष्ट किया कि—
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पूर्व निर्णय अंतिम और बाध्यकारी है
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17 मार्च 2025 का कार्यालय आदेश अब अमान्य माना जाएगा
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सभी 1404 लेक्चररों को नियमित कर्मचारी मानकर उचित वेतनमान दिया जाए
सरकार ने भी विभाग को सूचित किया कि हाईकोर्ट के आदेश का पालन आवश्यक है और लाभ बहाल किए जाने चाहिए।
🧾 किन लाभों को बहाल किया जाएगा?
अदालत के अनुसार प्रभावित शिक्षकों को—
✔ प्रारंभिक नियुक्ति तिथि से नियमित सेवा लाभ
✔ वेतनमान: 10300–34800 + 4200 ग्रेड पे
✔ लागू भत्ते
✔ तथा तीन वर्षों तक का आर्थिक लाभ (अदालत निर्देशानुसार)
इस निर्णय से न केवल शिक्षकों को राहत मिली है, बल्कि यह राज्य में चल रहे अनुबंध व नियमित सेवा विवादों के लिए भी एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। अदालत का यह आदेश सुनिश्चित करता है कि प्रशासनिक फैसले न्यायिक निर्देशों के विपरीत नहीं हो सकते।
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