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हिमाचल: 50 करोड़ की लागत से बनेंगे आठ नए पुल, लोक निर्माण विभाग ने शुरू किया सर्वे कार्य

Sumansorey
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🏗️ हिमाचल प्रदेश में 50 करोड़ की लागत से बनेंगे आठ नए पुल, लोक निर्माण विभाग ने शुरू किया सर्वे

हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं से क्षतिग्रस्त पुलों की मरम्मत और नई संरचनाओं के निर्माण को लेकर प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य में 50 करोड़ रुपये की लागत से आठ नए पुलों का निर्माण किया जाएगा। लोक निर्माण विभाग (PWD) ने इंजीनियरों को इन पुलों की सर्वे रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश जारी कर दिए हैं।

इन पुलों का निर्माण चौपाल, मनाली, लाहौल-स्पीति, भरवलालई और सराहन क्षेत्रों में किया जाएगा। प्रदेश के कई हिस्सों में आपदा के चलते 17 पुल पूरी तरह ध्वस्त हो चुके हैं, जबकि कुछ को मरम्मत की जरूरत है। ऐसे में सरकार की प्राथमिकता है कि जहां आवश्यक हो, वहां नए पुलों का निर्माण जल्द से जल्द पूरा किया जाए।


🌉 कहां-कहां बनेंगे नए पुल

राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित आठ पुलों के निर्माण कार्य के लिए अनुमानित लागत और स्थान निम्नानुसार तय किए गए हैं —

  • शालू खड्ड (चौपाल): 5.26 करोड़ रुपये की लागत से नया पुल बनाया जाएगा।

  • पीसीएस बॉक्स ब्रिज (मनाली): 12.6 करोड़ रुपये की लागत से ब्यास नदी पर पुल का निर्माण।

  • चंद्रा नदी (सिस्सू, लाहौल-स्पीति): 9.71 करोड़ रुपये की लागत से 110 मीटर लंबा पुल बनेगा।

  • बैरियां खड्ड (भरवलालई): 6.10 करोड़ रुपये की लागत से तीन पुलों का निर्माण।

  • गिरी नदी (सराहन): 14.13 करोड़ रुपये की लागत से नया पुल बनेगा।

इन सभी परियोजनाओं पर कुल मिलाकर लगभग 50 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है।


🚧 आपदा से हुए नुकसान की भरपाई का प्रयास

बीते कुछ महीनों में प्रदेश में आई भारी बारिश और भूस्खलन के कारण सड़कों और पुलों को व्यापक नुकसान हुआ है। लोक निर्माण विभाग को करोड़ों रुपये का घाटा उठाना पड़ा। इन आठ नए पुलों के निर्माण से न केवल आवाजाही सुगम होगी, बल्कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों को भी नई गति मिलेगी।

विभाग ने बताया कि जो पुल मरम्मत योग्य हैं, उन्हें इंजीनियरिंग सर्वे रिपोर्ट के अनुसार रिपेयर और सुदृढ़ीकरण कार्य के तहत बहाल किया जाएगा।


💬 सरकार का फोकस सुरक्षित निर्माण पर

PWD अधिकारियों के अनुसार, नए पुल ऐसे स्थानों पर बनाए जाएंगे जहां बरसात के दौरान पानी का स्तर बढ़ने पर भी उन्हें कोई नुकसान न पहुंचे। डिजाइन और लोकेशन दोनों को इस तरह से चुना जाएगा जिससे आने वाले वर्षों में पुलों की आयु लंबी बनी रहे।

प्रदेश सरकार ने संकेत दिया है कि इन पुलों के टेंडर शीघ्र ही आमंत्रित किए जाएंगे, ताकि निर्माण कार्य में देरी न हो और लोगों को राहत जल्द मिल सके।


🌿 जनता को मिलेगी बड़ी राहत

हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य में पुलों का निर्माण केवल एक बुनियादी ढांचा परियोजना नहीं, बल्कि लोगों की जीवनरेखा से जुड़ा विषय है। इन पुलों के बनने से ग्रामीण क्षेत्रों तक बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी, आपातकालीन सेवाओं की पहुंच आसान होगी और पर्यटन को भी नई दिशा मिलेगी।


🔚 निष्कर्ष

हिमाचल प्रदेश सरकार की यह पहल न केवल आपदा से प्रभावित इलाकों को राहत देगी, बल्कि प्रदेश के सड़क और परिवहन नेटवर्क को भी मजबूत बनाएगी। यह कदम हिमाचल के विकास की दिशा में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

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