✨ हिमाचल प्रदेश में श्रीरेणुकाजी मेला का शुभारंभ, भगवान परशुराम पहुंचे मां रेणुका से मिलने
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर ज़िले में स्थित प्राचीन धार्मिक स्थल श्रीरेणुकाजी में शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय श्रीरेणुकाजी मेला का विधिवत शुभारंभ हुआ। इस पवित्र अवसर पर भगवान श्री परशुराम पालकी में सवार होकर अपनी माता मां रेणुका जी से मिलने पहुंचे। यह मेला हर साल बड़ी श्रद्धा और भव्यता के साथ मनाया जाता है और हिमाचल प्रदेश के सबसे प्राचीन मेलों में से एक है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दिल्ली से वर्चुअल माध्यम के ज़रिए मेले का शुभारंभ किया और श्रीरेणुकाजी विधानसभा क्षेत्र के लिए 29.50 करोड़ रुपये की पांच विकास परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया।
🏗️ मुख्यमंत्री ने कई विकास परियोजनाओं की दी सौगात
सीएम सुक्खू ने इस अवसर पर कई महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं की शुरुआत की, जिनमें शामिल हैं —
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राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान भवन, माइना बाग — 6.47 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित।
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सब-मार्किट यार्ड (चरण-1), नौहराधार — 2.20 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित।
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रेणुकाजी-ददाहू बिरला सड़क — 2 करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन।
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विभिन्न गांवों के लिए सिंचाई सुविधा — 17.89 करोड़ रुपये।
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ग्रेविटी जलापूर्ति योजना, ग्राम पंचायत भराड़ी — 94 लाख रुपये की लागत से।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं से रेणुकाजी क्षेत्र का समग्र विकास होगा और यहां के लोगों को रोजगार व बुनियादी सुविधाएं बेहतर मिलेंगी।
🕉️ भव्य शोभा यात्रा और देव पालकी परंपरा
मुख्यमंत्री के वर्चुअल कार्यक्रम से पहले उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार और विधायक अजय सोलंकी ने भगवान परशुराम की देव पालकियों की पूजा-अर्चना की और उन्हें शोभा यात्रा के रूप में रेणुकाजी मंदिर के लिए रवाना किया।
इस दौरान देव घाट पर पहली बार 500 से अधिक दीपों की भव्य आरती का आयोजन किया गया, जिसमें जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी और बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
🎶 सांस्कृतिक संध्या में कलाकारों ने बांधा समां
मेले की पहली सांस्कृतिक संध्या में प्रसिद्ध पंजाबी गायक कुलविंदर बिल्ला ने स्टार परफॉर्मर के रूप में अपनी शानदार प्रस्तुति दी। उनके साथ पूर्ण शिवा और गीता भारद्वाज ने भी अपने गीतों और नृत्य से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
साथ ही, उत्तर क्षेत्रीय सांस्कृतिक समिति के पंजाबी दल और हमीरपुर व सिरमौर के कलाकारों ने भी पारंपरिक लोकनृत्य और गीतों से लोगों का भरपूर मनोरंजन किया।
🌺 मेले में आस्था और संस्कृति का संगम
अंतरराष्ट्रीय श्रीरेणुकाजी मेला न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि यह हिमाचल की संस्कृति, लोककला और परंपराओं को एक मंच पर लाने का माध्यम भी है। इस आयोजन से प्रदेश की धार्मिक पर्यटन संभावनाओं को भी नई दिशा मिलती है।
