भारत में डिजिटल भुगतान का चलन लगातार नए कीर्तिमान बना रहा है। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने अक्टूबर महीने में एक और रिकॉर्ड कायम किया है। अब लोग जेब में नकदी रखने के बजाय मोबाइल से ही हर भुगतान करना पसंद कर रहे हैं।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2025 में UPI के ज़रिए 20.70 बिलियन से अधिक लेनदेन हुए, जो अब तक का सबसे ऊँचा स्तर है। यह आंकड़ा सितंबर में दर्ज 19.63 बिलियन और अगस्त में 20.01 बिलियन से भी ज्यादा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि त्योहारी सीजन और ग्रामीण इलाकों में डिजिटल भुगतान के बढ़ते इस्तेमाल के कारण यह वृद्धि दर्ज की गई है। भारत के छोटे कस्बों और गाँवों में भी अब UPI का उपयोग आम हो चुका है। दुकानदार, किसान, और छोटे व्यापारी तक अब QR कोड के माध्यम से भुगतान स्वीकार कर रहे हैं।
NPCI के अनुसार, अक्टूबर में कुल ₹27.28 लाख करोड़ का लेनदेन UPI के माध्यम से हुआ, जो सितंबर के ₹24.90 लाख करोड़ से लगभग 10% अधिक है। पिछले वर्ष की तुलना में, UPI ट्रांजेक्शन की संख्या में 25% और कुल मूल्य में 16% की वृद्धि हुई है।
18 अक्टूबर को एक दिन में रिकॉर्ड तोड़ 754.37 मिलियन लेनदेन हुए — यह UPI शुरू होने के बाद से अब तक का सबसे बड़ा दैनिक आंकड़ा है। अक्टूबर में औसत दैनिक लेनदेन 668 मिलियन रहा, जबकि दैनिक लेनदेन मूल्य ₹87,993 करोड़ तक पहुँच गया।
इसके साथ ही, अन्य डिजिटल भुगतान माध्यमों में भी तेज़ी देखने को मिली। IMPS ट्रांजेक्शन 3% बढ़कर 404 मिलियन तक पहुँच गया, जिसका कुल मूल्य ₹6.42 ट्रिलियन रहा। वहीं FASTag लेनदेन में 8% की वृद्धि दर्ज की गई और कुल 361 मिलियन लेनदेन हुए।
डिजिटल पेमेंट विशेषज्ञों का कहना है कि भारत अब “कैशलेस इकॉनमी” की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है। सरकार की पहल, बैंकों की जागरूकता मुहिम और मोबाइल इंटरनेट की आसान उपलब्धता ने इस परिवर्तन को और गति दी है।
