हरियाणा विधानसभा में बुधवार को पेश की गई कैग (CAG) की रिपोर्ट ने राज्य में ठोस कचरा प्रबंधन (Solid Waste Management) की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाए हैं। रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि राज्य में न केवल कचरा प्रबंधन की परियोजनाओं में देरी हो रही है, बल्कि डेटा की पारदर्शिता पर भी भरोसा नहीं किया जा सकता।
रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2021-22 के दौरान कचरे का 70% स्रोत पर पृथक्करण (Segregation at source) और लगभग 98% संग्रहण (Collection) होने का दावा किया गया। लेकिन कैग ने स्पष्ट किया कि इन आंकड़ों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी।
जांच में शामिल शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) ने न तो प्रतिदिन और न ही मासिक स्तर पर कचरा संग्रहण का रिकॉर्ड रखा। इसके अलावा, ऑडिटर्स को यह भी नहीं बताया गया कि आंकड़े जुटाने का मानक या प्रक्रिया क्या थी।
रिपोर्ट में यह भी उजागर हुआ कि Solid Waste Management Rules, 2016 के कई अहम प्रावधानों को अभी तक प्रभावी तरीके से लागू नहीं किया गया है। इससे साफ है कि कचरे के वैज्ञानिक प्रबंधन की दिशा में राज्य को और सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि जल्द ही प्रभावी रणनीति नहीं बनाई गई तो आने वाले वर्षों में स्वच्छता और पर्यावरण दोनों पर गंभीर असर पड़ सकता है।