हरियाणा की साइबर पुलिस ने एक बड़े साइबर ठगी गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसने देशभर में अब तक एक करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की है। इस गिरोह का संचालन बिहार-नेपाल बॉर्डर से किया जा रहा था और इसका मास्टरमाइंड राजस्थान के जोधपुर निवासी यश परिहार था।
जांच में खुलासा हुआ है कि यश परिहार ने अपने गिरोह के सदस्यों को 25 से 30 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन पर रखा हुआ था। इसके अलावा उन्हें ठगी की रकम पर कमीशन भी दिया जाता था। पुलिस रिमांड में यश ने बताया कि वह कंबोडिया में सक्रिय साइबर ठगों से टेलीग्राम के माध्यम से जुड़ा और उन्हीं के इशारे पर लोगों को झांसा देने का काम करने लगा।
गिरोह लोगों को टेलीग्राम ग्रुप्स के जरिए निवेश और कई गुना मुनाफे का लालच देता था। जब लोग फंस जाते तो उनसे निवेश के नाम पर पैसे मंगवाए जाते और फिर रकम को विदेश भेज दिया जाता। आरोपियों को इस रकम पर 20 प्रतिशत कमीशन मिलता था।
पलवल साइबर पुलिस ने सोमवार को एक विशेष अभियान के तहत जोगबनी (बिहार-नेपाल बॉर्डर) से इस गिरोह के 10 सदस्यों को गिरफ्तार किया। इनमें राजस्थान, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और नेपाल से जुड़े आरोपी शामिल हैं। पुलिस ने मास्टरमाइंड यश परिहार समेत सभी को अदालत में पेश किया, जहां यश को पुलिस रिमांड और बाकी 9 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
यह गिरोह अब तक देश के विभिन्न राज्यों में 100 से अधिक साइबर फ्रॉड केसों में शामिल पाया गया है।
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि किसी भी तरह के निवेश संबंधी ऑफर या टेलीग्राम ग्रुप्स के झांसे में न आएं और संदिग्ध गतिविधि की तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत करें।