हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर लगातार जारी है। गुरुवार सुबह बिलासपुर जिले में स्वारघाट की कुटेहला पंचायत और कोल डैम क्षेत्र में बादल फटने की घटनाएं सामने आईं। भारी बारिश के साथ आए मलबे ने किसानों की फसलों को बुरी तरह प्रभावित किया और कई खेतों में मिट्टी व पत्थर भर गए।
मंडी जिले के सैण मोहल्ला में भी बारिश ने तबाही मचाई। यहां मकानों, दुकानों और गैराज में मलबा घुस गया। पार्किंग में खड़ी कई गाड़ियां मलबे की चपेट में आ गईं, जबकि एक मकान की दीवार गिरने से बड़ा नुकसान हुआ।
कांगड़ा के मुल्थान इलाके में बाढ़ की चपेट में आने से 35 भेड़-बकरियों की मौत हो गई। वहीं, चंबा जिले में भरमौर–पठानकोट हाईवे भूस्खलन के कारण पांच घंटे तक बंद रहा।
सोलन जिले के बद्दी-बरोटीवाला क्षेत्र में भी भारी बारिश से कई उद्योग और सड़कें जलमग्न हो गईं। इसके अलावा, शिमला–किन्नौर नेशनल हाईवे पर निगुलसरी के पास हुए भूस्खलन के कारण यह मार्ग करीब 14 घंटे तक बाधित रहा।
गुरुवार शाम तक पूरे प्रदेश में 604 सड़कें, 228 बिजली ट्रांसफार्मर और 221 पेयजल योजनाएं बंद रहीं। मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार को भी हिमाचल के कई जिलों में बारिश होने की संभावना है।
➡️ लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन से आम लोगों की जिंदगी अस्त-व्यस्त हो गई है। राज्य सरकार और प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं, लेकिन मौसम की मार अभी भी चिंता का विषय बनी हुई है।