भारत के कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का आपराधिक नेटवर्क, जो कभी कई राज्यों और देशों तक फैला हुआ था, अब अंदरूनी कलह और बड़े विश्वासघात की वजह से धीरे-धीरे बिखर रहा है।
यह गिरोह हत्या, अपहरण, फिरौती वसूली और ड्रग तस्करी जैसी आपराधिक गतिविधियों के लिए जाना जाता था। लेकिन अब इसके ही सदस्य एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हो गए हैं, जिससे खून-खराबा और नए इलाके पर कब्जे की जंग शुरू हो गई है।
बिखराव की शुरुआत
इस गिरोह में फूट की शुरुआत पिछले साल तब हुई, जब लॉरेंस बिश्नोई का छोटा भाई अनमोल बिश्नोई अमेरिका में फर्जी दस्तावेज़ों के सहारे प्रवेश करने पर गिरफ्तार हुआ। अनमोल का नाम 2022 में मशहूर पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड से भी जुड़ा था, जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया था।
पंजाब और दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक, लॉरेंस बिश्नोई ने अपने दो खास सहयोगियों रोहित गोडारा और गोल्डी बराड़ पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि इन दोनों ने अनमोल को उसके कानूनी संकट के दौरान छोड़ दिया और विदेशी एजेंसियों को गिरोह से जुड़ी अहम जानकारी लीक कर दी।
गैंगवॉर की आशंका
गिरोह के इन आपसी झगड़ों ने अब खुले गैंगवॉर का रूप ले लिया है। सूत्रों का मानना है कि आने वाले दिनों में पंजाब, हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर में अपराधियों के बीच नए इलाके और वर्चस्व की लड़ाई और भी खतरनाक हो सकती है।
निष्कर्ष
लॉरेंस बिश्नोई का आपराधिक साम्राज्य, जो कभी अजेय माना जाता था, अब अपने ही लोगों की गद्दारी और लालच के कारण टूटने की कगार पर है। पुलिस और जांच एजेंसियां लगातार निगरानी रखे हुए हैं, लेकिन गिरोह के अंदर की इस दुश्मनी ने अपराध जगत में एक नई हलचल पैदा कर दी है।