पंजाब के शाहकोट इलाके के मंडाला चन्ना गाँव में सतलुज नदी के कटाव ने चार परिवारों को बेघर कर दिया है। हाल ही में आई बाढ़ के बाद नदी का तटबंध टूटने और ज़मीन के धंसने से चार घर पूरी तरह ढह गए।
कौन-कौन प्रभावित हुआ?
ये घर चार भाइयों — चन्ना सिंह, सोना सिंह, जगदीश सिंह और स्वर्गीय प्रेम सिंह — के परिवारों के थे। सभी परिवार दिहाड़ी मजदूरी करके अपना जीवन यापन करते थे। घर गिर जाने के बाद अब ये परिवार पूरी तरह बेघर हो चुके हैं और बेहद कठिनाई झेल रहे हैं।
अस्थायी ठिकाना
फिलहाल सभी प्रभावित परिवारों ने गाँव के सरपंच सतनाम सिंह के घर में अस्थायी शरण ली है। हालांकि यह राहत केवल कुछ दिनों के लिए ही है, क्योंकि इन परिवारों के पास अब न रहने के लिए घर बचा है और न ही भविष्य को लेकर कोई स्पष्ट सहारा।
ग्रामीणों में चिंता
गाँव के लोगों का कहना है कि सतलुज का कटाव लगातार तेज़ होता जा रहा है और कई अन्य घरों व ज़मीनों को भी खतरा है। ग्रामीणों ने सरकार से अपील की है कि प्रभावित परिवारों को तुरंत आवास और आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाए।
👉 शाहकोट की यह घटना एक बार फिर यह दिखाती है कि प्राकृतिक आपदाओं का सबसे बड़ा असर गरीब और मजदूर वर्ग पर पड़ता है। सरकार और प्रशासन की ज़िम्मेदारी है कि वे जल्द से जल्द प्रभावितों को राहत पहुँचाएँ।