दीवाली से पहले उत्तर प्रदेश के हजारों गरीब परिवारों पर एक और आर्थिक बोझ डाल दिया गया है। राज्य के ऊर्जा विभाग ने नया आदेश जारी करते हुए बिजली कनेक्शन की कीमतों में जबरदस्त बढ़ोतरी कर दी है। अब किसी भी नए कनेक्शन के साथ स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगवाना अनिवार्य कर दिया गया है, जिसकी सुरक्षा राशि ₹6,016 तय की गई है।
यानी पहले जहां 1 किलोवाट कनेक्शन की कीमत ₹1,032 थी, वहीं अब वही कनेक्शन ₹6,400 तक का पड़ रहा है। इसमें ₹6,016 की प्रीपेड मीटर फीस भी शामिल है।
हालांकि, यह पूरी प्रक्रिया उत्तर प्रदेश बिजली नियामक आयोग (UPERC) की स्वीकृति के बिना लागू की गई है, जिससे सवाल उठ रहे हैं कि क्या ऊर्जा विभाग ने नियमों की अनदेखी की है।
ऊर्जा विभाग पर अवधेश वर्मा का आरोप
उत्तर प्रदेश उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने इसे गरीबों के साथ सीधा अन्याय बताया है। उनका कहना है कि ऊर्जा विभाग बिना किसी नियामक अनुमति के मीटर फीस छह गुना बढ़ाकर वसूल रहा है, जो पूरी तरह गैरकानूनी है।
उन्होंने कहा कि विभाग का यह निर्णय न केवल नियमों के खिलाफ है, बल्कि इससे गरीब और मध्यम वर्गीय उपभोक्ताओं के सामने अंधेरे में रहने की नौबत आ गई है।
वर्मा के अनुसार, 10 सितंबर से अब तक लगभग 1.74 लाख नए कनेक्शन के लिए आवेदन आए हैं, जिनमें से 56,000 से अधिक कनेक्शन जारी किए गए हैं, 34,000 से अधिक आवेदन लंबित हैं और 23,000 से ज्यादा उपभोक्ताओं को भुगतान करने के बाद भी कनेक्शन नहीं मिला है।
सबसे अधिक परेशानी लगभग 37,000 गरीब परिवारों को हो रही है, जो अब छह गुना बढ़ी दरें भरने में सक्षम नहीं हैं।
गरीबों के सामने अंधकार का खतरा
राज्य सरकार के इस फैसले से खासकर ग्रामीण और निम्न आय वर्ग के लोगों को बड़ा नुकसान हुआ है।
कई परिवारों ने एबीपी न्यूज़ की जांच में बताया कि उन्होंने पहले पुरानी दर पर आवेदन किया था, लेकिन अब जब नई दरें लागू हुईं तो उन्हें छह गुना अधिक भुगतान करने की शर्त रखी गई।
इससे उनके लिए दीवाली पर अपने घरों को रोशन करना लगभग असंभव हो गया है।
उपभोक्ता परिषद की चेतावनी
अवधेश वर्मा ने चेतावनी दी है कि यदि ऊर्जा विभाग ने इस गैरकानूनी वसूली को तुरंत बंद नहीं किया, तो उपभोक्ता परिषद राज्यभर में आंदोलन छेड़ेगी। उन्होंने कहा कि यह फैसला प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री के क्षेत्रों तक को प्रभावित कर रहा है और सरकार की छवि को नुकसान पहुंचा रहा है।
🔹 निष्कर्ष
दीवाली के ठीक पहले इस फैसले ने जनता को 440 वोल्ट का झटका दे दिया है। सरकार को चाहिए कि वह इस आदेश पर पुनर्विचार करे ताकि गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार अंधेरे में न रहें और रोशनी के त्योहार पर उनके घर भी जगमगा उठें।
