पलवल (हरियाणा), 30 सितंबर:
हरियाणा में पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का एक और मामला सामने आया है। पलवल पुलिस ने यूट्यूबर वसीम अकबर और उसके साथी तौफीक को गिरफ्तार किया है। इन पर आरोप है कि ये दोनों पाकिस्तान हाई कमीशन (PHC) के वीज़ा डेस्क का इस्तेमाल करके जासूसी नेटवर्क चला रहे थे।
📌 कैसे हुआ खुलासा?
जांच में सामने आया कि वसीम और तौफीक लोगों से पाकिस्तान का वीज़ा दिलाने के नाम पर पैसा वसूलते थे।
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इस पैसे का बड़ा हिस्सा पाकिस्तान हाई कमीशन के अधिकारियों को दिया जाता था।
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वहीं से यह पैसा आईएसआई एजेंटों तक पहुँचाया जाता था, जो पर्यटक वीज़ा पर भारत में प्रवेश करते थे।
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यह रकम भारत में एजेंटों के ठहरने और जासूसी नेटवर्क फैलाने के काम आती थी।
🎥 वसीम का नेटवर्क और पाकिस्तानी लिंक
वसीम अकबर मूल रूप से एक सिविल इंजीनियर है और हरियाणा के कोट गांव का रहने वाला है।
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वह 2022 में पाकिस्तान के कसूर शहर भी जा चुका है।
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वीज़ा प्रक्रिया के दौरान उसकी मुलाकात PHC कर्मचारी जाफ़र उर्फ़ मुज़म्मिल हुसैन से हुई।
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पहले उसका वीज़ा रिजेक्ट हो गया था, लेकिन 20,000 रुपये की रिश्वत देने के बाद उसे वीज़ा मिल गया।
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पाकिस्तान से लौटने के बाद भी वह जाफ़र से व्हाट्सएप पर लगातार संपर्क में रहा।
💰 मोटी रकम और संवेदनशील जानकारी
जांच एजेंसियों ने पाया कि—
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वसीम के खाते में 4-5 लाख रुपये आए।
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इसमें से कुछ रकम नकद पाकिस्तान हाई कमीशन के अधिकारियों को दी गई।
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वसीम ने जाफ़र को 80,000 और 1.5 लाख रुपये, साथ ही सिम कार्ड और ओटीपी भी उपलब्ध कराए।
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आरोप है कि वसीम और तौफीक ने भारतीय सेना से जुड़ी संवेदनशील जानकारियाँ भी पाकिस्तान को पहुंचाई।
⚠️ राष्ट्रीय सुरक्षा पर बड़ा खतरा
यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई, भारत में अपने नेटवर्क को सक्रिय रखने के लिए अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल कर रही है। पुलिस और खुफिया एजेंसियां इस नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही हैं।